अमर भारत
भारत एक कहानी है ,सदियों से भी पुरानी है
नहीं जानते कब से है ,हिमालय है तब से है
कहते है , पुराण पुरुष महाकाल शिव रहते थे
भारत को अभय का आशीष वही देते थे !
भारत एक संस्कृति बना ,
भगवान की सुंदर कृति बना
ब्रह्मा से बेदों का जन्म हुआ ,
योगेश्वर से योग उपस्थित हुआ
ज्ञान -विज्ञान के द्वार खुलने लगे
लोग अपने विकास से खिलने लगे
पर ,पनपने लगे कुछ अत्याचारी
मानवता के लिए वो हुए भारी
पर जब जब हुए वो भारी
रक्षा करने को आये त्रिपुरारी
काली ,दुर्गा ,परशुराम ,राम , कृष्ण ,महावीर ,बुद्ध
कर के गए इस धरती को शुद्ध !
पर,बातें हुए ये बहुत पुरानी
हम सब भूल गए ,समझने लगे कहानी
नहीं अब ये इतिहास का हिस्सा है
पर ,भारत के गौरव का सच्चा किस्सा है
लेकिन, सच्चाई कभी मिटती नहीं
दर्पण पर धूल कभी टिकती नहीं
आसमान में सितारों की गवाही है
धरती पर उनके कारनामों की निशानी है
हमारी रक्त की धार में ,
गँगा की प्रवाह में
आज भी ,श्री राम के धनुष का झंकार है
श्री कृष्ण की गीता गुँजायमान है
शक्ति के साथ संयम और समझदारी
मानवता के तरफ हम सब की जिम्मेदारी
शांति के रहे हम प्राचीनतम पुजारी
सलामत है इसीलिये ये हस्ती हमारी
-AMIT KUMAR PANDEY
लेकिन, सच्चाई कभी मिटती नहीं
दर्पण पर धूल कभी टिकती नहीं
आसमान में सितारों की गवाही है
धरती पर उनके कारनामों की निशानी है
हमारी रक्त की धार में ,
गँगा की प्रवाह में
आज भी ,श्री राम के धनुष का झंकार है
श्री कृष्ण की गीता गुँजायमान है
शक्ति के साथ संयम और समझदारी
मानवता के तरफ हम सब की जिम्मेदारी
शांति के रहे हम प्राचीनतम पुजारी
सलामत है इसीलिये ये हस्ती हमारी
-AMIT KUMAR PANDEY
No comments:
Post a Comment
COMMENT