पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई l
With God's kindness a daughter has graced our home today
आत्मजा - Birth of Beti
कोमल पंखों वाली वो बच्ची,
सपनों की ओढ़े चादर सच्ची।
नन्हीं हँसी में बसी है काया,
हमारे आँगन की माधुरी (Sweetie) माया।
कन्या बनकर उतर आई धरा पर,
जैसे योगेश्वरी स्वयं आई घर पर।
पुत्री होती, जीवन की रेखा,
जिससे जुड़ती माँ बाप की लेखा।
अजाव्यया, हमारे हृदय का टुकड़ा,
ईश्वर का वरदान! अनमोल सा मुखड़ा।
सुता सी निश्छल, निर्मल जल-सी,
जैसे बहती गंगाजल-सी।
तनुजा! तुम हम सब की ऊर्जा
आशाओं की लौ , हर सुबह की पूजा !
नखरों की दुकान, बाजार अठखेलियों का
अविशा ! तू ख़ज़ाना पहेलियों का!
नन्दिनी, वो जो नंद का सुख है ,
जिसकी मुस्कान स्वयं मधुसख है।
महालक्ष्मी महागौरी का प्रतिनिधित्व है करती
मुट्ठी में सारे सुख सम्पदा है भर्ती!
तनया, वो जो थामे दीपक,
बना दे अंधेरों को भी सुगंधित पथ।
दुहिता, वो जो पिता की छाया,
सृजना , करो तुम विश्व निर्माणा
आत्मजा, तू संवारे भविष्य भारत का
तू बने वसुंधरा माता की आशा
नारी हो, तू शक्ति है अनंत,
तेरे चरणों में स्वर्गिक गंध।
-In honour and welcome of बेटी
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