Thursday 28 March 2019

From amrita singh

Apni maa ki puri hui lambi aas hun...👩🏻
Aaj jake bujhi wo pita ki pyaas hun...👨🏻
Aaj uday hua wo prakash hun...☀
Kisi k jeevan ka sabse bada ulaas hun...🎷
Prakriti ka diya hua sabse anmol ratna aur Shwaas hun...🥀
Ek adbhoot sa ehaas hun...💞
Mai hun aapka " Swamit Swarit" 👶 jo sabse khaas hun...😘😘😘@ gully girl Amrita singh

Monday 25 March 2019

स्वागत है ! Swamit swarit

स्वागत है !
स्नेह है!
आशीर्वाद है !
आशीष है!
सुभेक्षा है!
तुम्हारे जन्मपर तुम्हारा हार्दिक अभिनंदन है!!

प्यार है !
दुलार है!
पुचकार है!
आभार है !
हमारे दुनिया में तुम्हारा शुभ  स्वीकार है !

ख़ुशी है 
आनदं है 
सुकून है 
हर्ष है 
हमारे जीवन में तुम्हारा पुण्य का प्रादुर्भाव है 

स्वमीत स्वरित swamit swarit

Born today as on 26th March 2019 Time 9.07 am  day Tuesday
आये हो इस दुनिया में
कुछ संबंध निभाने है तुमको
मैं बन गया पापा तेरा
माँ (स्वीटी) को मम्मी कहना है तुझ को
मेरे पापा-मम्मी बनेंगे दादा-दादी
और, मम्मी के नाना-नानी!
बहने होंगी मेर तेरी बुआ!
मेरे भाई बनेंगे चाचू तेरे !
आदित्य, अंश ,भोलू ,
आशुतोष , अतुल्य बनेगे भैया तेरे
तान्या , रिजा, रिया, स्नेहा,सोमी ,अक्षरा
बहने बन पुचकरेगीं !!
मेरे जीजा होंगे फूफा तेरे
तेरे शादी में रूस जाएंगे
और, उन्हें मनाने मेरे साले साहब
तेरे प्यारे मामा बन के आएंगे
नूर बनोगे आँखों के तुम
स्वर्ण जड़ित रतना के जैसे
स्नेह अत्यधिक जताएंगे सब
अपने सीने से लगाएंगे!!
आशीष ,स्नेह और उपहारों से
तुमको वो नहलाएँगे
सब अपने अपने हिस्से
कुछ खुशी तुम पर लुटाएँगे !!

Thursday 21 March 2019

जीवन के संघर्ष

जीवन कोई संघर्ष नहीं
फिर भी है ये संघर्ष भरा
जीवन कोई दुःख दर्द नही
फिर भी है ये कष्टों से भरा
जीवन एक विराट सत्य है
शाश्वत से इसका नाता है
जीवन स्वयं में परम पूर्ण
ईश्वर का ये अभिलाषा है !
संसार है किंतु संघर्ष का नाम
जीवन भी संघर्ष यहाँ
रोजी रोटी और मकान
के लिए बिक रहा यहाँ इंसान
रिश्ते भी बिक जाते हैं
अपने गैर बन जाते है
अजब गजब का खेल दिखाती
जीवन यहाँ हमें है जुझाती !!
किन्तु तुम हिम्मत रखना
धैर्य से मुसीबत को मिलना
साहस को हथियार बनाना
बुद्धि ,विवेक से उसे हराना !!
जीत तुम्हारी हो के रहेगी
हार भी तुम्हें ने "चुभ " के छुयेगी
कर्तव्य बस यहाँ है निभाना
जीतना जरूरत उतना भर ही करते जाना
जीवन का परम लक्ष्य सामने हो
उसका उत्कर्ष सामने हो
शाश्वत से न कभी तेरा साथ छूटे
जीवन भी तुझ से मिल के जी उठे !!

Universe .. swamit swarit

ब्रह्माण्ड बड़ा ही अद्भुत है
कहते है ! ईश्वर का ये मुहूर्त रूप है
स्थान समय का यह गढ़जोड
पहेली है यह परम विजोड़।
निकल नही पाता इसका कोई एक निचोड़
सन्नाटे से अनन्त में फैला ये
विराट सूर्यों और ग्रहों का घर ये !!
करोड़ों नक्षत्रो और उपग्रहों को समेटे
अंधकार और प्रकाश को है ये एक साथ बिखेरे !
सब गतिमान हैं , सब चल रहे
स्वयं से संचालित कैसे ये हो रहे?
कोई कहता भगवान की लीला
कोई कहता स्वयं से सब है खिला !
वेद पुराण और गीता का ज्ञान
कहता इसे ईश्वर का निः स्वार्थ काम
कहते है सब कर्म भोगने आते है
या , स्वयं को जानने का अवसर पाते है!
विज्ञान ने भी किये कई अनुशंधान
खोल रहा इसके कुछ गूढ़ ज्ञान
ऊर्जा का ये परम स्रोत
हो रहा प्रगट, हो रहा विस्फोट
सारा फैलाव इस ऊर्जा का रूप
अचेतन जगत को कर रहा है मूर्त E =mc2
पर, चेतना का क्या है मूल?
नही जानते हम कर रहे क्या भूल।
सब जन्म कहाँ से पाते है ?
फिर, लौट कहाँ को जाते है?
सब जो दिख रहा मात्र एक माया है ?
या , ब्रह्माण्ड ही एक मात्र काया है??
प्रश्न कई सतायेंगे
उत्तर तुम्हें तुम्हारी चेष्ठा से मिल जायेंगे 
एक दिन ब्रह्माण्ड का रहस्य हम जान पाएँगे 
समय के गर्त में सब उत्तर मिल जायेंगे !

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