Thursday, 14 February 2019

स्वमित स्वरित


स्वमित स्वरित 
Be your own friend
जीवन का जो मित है
स्वमित है! स्वरित है !
स्वयं का जो मित्र है
स्वमित है! स्वरित है !
रत्न है जो स्वयं मेँ
स्वमित है! स्वरित है !
पुकार है जो स्वयं की
स्वमित है! स्वरित है !
जो नाद है ब्रह्मांड का
स्वमित है! स्वरित है !
अस्तित्व है जो स्वयं में
स्वमित है! स्वरित है !
दिव्य है प्रकश जो
स्वमित है! स्वरित है !
प्रेम है दिलों में जो
स्वमित है! स्वरित है !
विश्वास है जो वादों में
स्वमित है! स्वरित है !
भय से जो मुक्त है
स्वमित है! स्वरित है !
अस्तित्व की जो चाह है
स्वमित है! स्वरित है !
वेदों में गूँज रही ज्ञान जो
स्वमित है! स्वरित है !
उपनिषद जो मान रहे
स्वमित है! स्वरित है !
गीता में प्रगट हो रहे श्रीकृष्ण जो
स्वमित है! स्वरित है !
नटराज के  नृत्य से  जो हो  रहा
स्वमित है! स्वरित है !
महाकाल की समाधी है जो
स्वमित है! स्वरित है !
सरस्वती की जो ज्ञान है
स्वमित है! स्वरित है !
सूर्य की प्रकश जो
स्वमित है! स्वरित है !
जो बह रही इंसान में संवेदना
स्वमित है! स्वरित है !
जिसे आत्मज्ञान का बोध है
स्वमित है! स्वरित है !
स्वयं में जो मस्त है
स्वमित है! स्वरित है !
उधर्व-गामी हो रही जो चेतना
स्वमित है! स्वरित है !
अवतरित हो रही जो पूण्यआत्मा
स्वमित है! स्वरित है !

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