स्वमीत - Being own friend. Exposure to the self @ THE AMIT OF TIMES !! We are nothing but manifestations of our thoughts.
Tuesday, 31 December 2019
Happy New year 2020
Wish you very happy new year 2020. May the achievements and success of the last year inspire you to achieve newer heights and accomplish newer goals. May the year 2020 take you closer to yourself. May you be you. May your smile be reflected on all the faces and may all such faces ignites into sparkling bundle of light illuminating the entire sphere of space ,human reach and time that you pervades. Have a wonderful year 2020 in style.
Thursday, 19 December 2019
Thursday, 28 March 2019
From amrita singh
Apni maa ki puri hui lambi aas hun...👩🏻
Aaj jake bujhi wo pita ki pyaas hun...👨🏻
Aaj uday hua wo prakash hun...☀
Kisi k jeevan ka sabse bada ulaas hun...🎷
Prakriti ka diya hua sabse anmol ratna aur Shwaas hun...🥀
Ek adbhoot sa ehaas hun...💞
Mai hun aapka " Swamit Swarit" 👶 jo sabse khaas hun...😘😘😘@ gully girl Amrita singh
Monday, 25 March 2019
स्वागत है ! Swamit swarit
स्वागत है !
स्नेह है!
आशीर्वाद है !
आशीष है!
सुभेक्षा है!
तुम्हारे जन्मपर तुम्हारा हार्दिक अभिनंदन है!!
स्नेह है!
आशीर्वाद है !
आशीष है!
सुभेक्षा है!
तुम्हारे जन्मपर तुम्हारा हार्दिक अभिनंदन है!!
प्यार है !
दुलार है!
पुचकार है!
आभार है !
हमारे दुनिया में तुम्हारा शुभ स्वीकार है !
दुलार है!
पुचकार है!
आभार है !
हमारे दुनिया में तुम्हारा शुभ स्वीकार है !
ख़ुशी है
आनदं है
सुकून है
हर्ष है
हमारे जीवन में तुम्हारा पुण्य का प्रादुर्भाव है
स्वमीत स्वरित swamit swarit
Born today as on 26th March 2019 Time 9.07 am day Tuesday
आये हो इस दुनिया में
कुछ संबंध निभाने है तुमको
मैं बन गया पापा तेरा
माँ (स्वीटी) को मम्मी कहना है तुझ को
कुछ संबंध निभाने है तुमको
मैं बन गया पापा तेरा
माँ (स्वीटी) को मम्मी कहना है तुझ को
मेरे पापा-मम्मी बनेंगे दादा-दादी
और, मम्मी के नाना-नानी!
बहने होंगी मेर तेरी बुआ!
मेरे भाई बनेंगे चाचू तेरे !
और, मम्मी के नाना-नानी!
बहने होंगी मेर तेरी बुआ!
मेरे भाई बनेंगे चाचू तेरे !
आदित्य, अंश ,भोलू ,
आशुतोष , अतुल्य बनेगे भैया तेरे
तान्या , रिजा, रिया, स्नेहा,सोमी ,अक्षरा
बहने बन पुचकरेगीं !!
आशुतोष , अतुल्य बनेगे भैया तेरे
तान्या , रिजा, रिया, स्नेहा,सोमी ,अक्षरा
बहने बन पुचकरेगीं !!
मेरे जीजा होंगे फूफा तेरे
तेरे शादी में रूस जाएंगे
और, उन्हें मनाने मेरे साले साहब
तेरे प्यारे मामा बन के आएंगे
तेरे शादी में रूस जाएंगे
और, उन्हें मनाने मेरे साले साहब
तेरे प्यारे मामा बन के आएंगे
नूर बनोगे आँखों के तुम
स्वर्ण जड़ित रतना के जैसे
स्नेह अत्यधिक जताएंगे सब
अपने सीने से लगाएंगे!!
स्वर्ण जड़ित रतना के जैसे
स्नेह अत्यधिक जताएंगे सब
अपने सीने से लगाएंगे!!
आशीष ,स्नेह और उपहारों से
तुमको वो नहलाएँगे
सब अपने अपने हिस्से
कुछ खुशी तुम पर लुटाएँगे !!
तुमको वो नहलाएँगे
सब अपने अपने हिस्से
कुछ खुशी तुम पर लुटाएँगे !!
Thursday, 21 March 2019
जीवन के संघर्ष
जीवन कोई संघर्ष नहीं
फिर भी है ये संघर्ष भरा
जीवन कोई दुःख दर्द नही
फिर भी है ये कष्टों से भरा
जीवन एक विराट सत्य है
शाश्वत से इसका नाता है
जीवन स्वयं में परम पूर्ण
ईश्वर का ये अभिलाषा है !
संसार है किंतु संघर्ष का नाम
जीवन भी संघर्ष यहाँ
रोजी रोटी और मकान
के लिए बिक रहा यहाँ इंसान
रिश्ते भी बिक जाते हैं
अपने गैर बन जाते है
अजब गजब का खेल दिखाती
जीवन यहाँ हमें है जुझाती !!
किन्तु तुम हिम्मत रखना
धैर्य से मुसीबत को मिलना
साहस को हथियार बनाना
बुद्धि ,विवेक से उसे हराना !!
जीत तुम्हारी हो के रहेगी
हार भी तुम्हें ने "चुभ " के छुयेगी
कर्तव्य बस यहाँ है निभाना
जीतना जरूरत उतना भर ही करते जाना
जीवन का परम लक्ष्य सामने हो
उसका उत्कर्ष सामने हो
शाश्वत से न कभी तेरा साथ छूटे
जीवन भी तुझ से मिल के जी उठे !!
Universe .. swamit swarit
ब्रह्माण्ड बड़ा ही अद्भुत है
कहते है ! ईश्वर का ये मुहूर्त रूप है
स्थान समय का यह गढ़जोड
पहेली है यह परम विजोड़।
निकल नही पाता इसका कोई एक निचोड़
कहते है ! ईश्वर का ये मुहूर्त रूप है
स्थान समय का यह गढ़जोड
पहेली है यह परम विजोड़।
निकल नही पाता इसका कोई एक निचोड़
सन्नाटे से अनन्त में फैला ये
विराट सूर्यों और ग्रहों का घर ये !!
करोड़ों नक्षत्रो और उपग्रहों को समेटे
अंधकार और प्रकाश को है ये एक साथ बिखेरे !
विराट सूर्यों और ग्रहों का घर ये !!
करोड़ों नक्षत्रो और उपग्रहों को समेटे
अंधकार और प्रकाश को है ये एक साथ बिखेरे !
सब गतिमान हैं , सब चल रहे
स्वयं से संचालित कैसे ये हो रहे?
कोई कहता भगवान की लीला
कोई कहता स्वयं से सब है खिला !
स्वयं से संचालित कैसे ये हो रहे?
कोई कहता भगवान की लीला
कोई कहता स्वयं से सब है खिला !
वेद पुराण और गीता का ज्ञान
कहता इसे ईश्वर का निः स्वार्थ काम
कहते है सब कर्म भोगने आते है
या , स्वयं को जानने का अवसर पाते है!
कहता इसे ईश्वर का निः स्वार्थ काम
कहते है सब कर्म भोगने आते है
या , स्वयं को जानने का अवसर पाते है!
विज्ञान ने भी किये कई अनुशंधान
खोल रहा इसके कुछ गूढ़ ज्ञान
ऊर्जा का ये परम स्रोत
हो रहा प्रगट, हो रहा विस्फोट
खोल रहा इसके कुछ गूढ़ ज्ञान
ऊर्जा का ये परम स्रोत
हो रहा प्रगट, हो रहा विस्फोट
सारा फैलाव इस ऊर्जा का रूप
अचेतन जगत को कर रहा है मूर्त E =mc2
पर, चेतना का क्या है मूल?
नही जानते हम कर रहे क्या भूल।
अचेतन जगत को कर रहा है मूर्त E =mc2
पर, चेतना का क्या है मूल?
नही जानते हम कर रहे क्या भूल।
सब जन्म कहाँ से पाते है ?
फिर, लौट कहाँ को जाते है?
सब जो दिख रहा मात्र एक माया है ?
या , ब्रह्माण्ड ही एक मात्र काया है??
फिर, लौट कहाँ को जाते है?
सब जो दिख रहा मात्र एक माया है ?
या , ब्रह्माण्ड ही एक मात्र काया है??
प्रश्न कई सतायेंगे
उत्तर तुम्हें तुम्हारी चेष्ठा से मिल जायेंगे
उत्तर तुम्हें तुम्हारी चेष्ठा से मिल जायेंगे
एक दिन ब्रह्माण्ड का रहस्य हम जान पाएँगे
समय के गर्त में सब उत्तर मिल जायेंगे !
Sunday, 24 February 2019
AMAR BHARAT - अमर भारत
अमर भारत
भारत एक कहानी है ,सदियों से भी पुरानी है
नहीं जानते कब से है ,हिमालय है तब से है
कहते है , पुराण पुरुष महाकाल शिव रहते थे
भारत को अभय का आशीष वही देते थे !
भारत एक संस्कृति बना ,
भगवान की सुंदर कृति बना
ब्रह्मा से बेदों का जन्म हुआ ,
योगेश्वर से योग उपस्थित हुआ
ज्ञान -विज्ञान के द्वार खुलने लगे
लोग अपने विकास से खिलने लगे
पर ,पनपने लगे कुछ अत्याचारी
मानवता के लिए वो हुए भारी
पर जब जब हुए वो भारी
रक्षा करने को आये त्रिपुरारी
काली ,दुर्गा ,परशुराम ,राम , कृष्ण ,महावीर ,बुद्ध
कर के गए इस धरती को शुद्ध !
पर,बातें हुए ये बहुत पुरानी
हम सब भूल गए ,समझने लगे कहानी
नहीं अब ये इतिहास का हिस्सा है
पर ,भारत के गौरव का सच्चा किस्सा है
लेकिन, सच्चाई कभी मिटती नहीं
दर्पण पर धूल कभी टिकती नहीं
आसमान में सितारों की गवाही है
धरती पर उनके कारनामों की निशानी है
हमारी रक्त की धार में ,
गँगा की प्रवाह में
आज भी ,श्री राम के धनुष का झंकार है
श्री कृष्ण की गीता गुँजायमान है
शक्ति के साथ संयम और समझदारी
मानवता के तरफ हम सब की जिम्मेदारी
शांति के रहे हम प्राचीनतम पुजारी
सलामत है इसीलिये ये हस्ती हमारी
-AMIT KUMAR PANDEY
लेकिन, सच्चाई कभी मिटती नहीं
दर्पण पर धूल कभी टिकती नहीं
आसमान में सितारों की गवाही है
धरती पर उनके कारनामों की निशानी है
हमारी रक्त की धार में ,
गँगा की प्रवाह में
आज भी ,श्री राम के धनुष का झंकार है
श्री कृष्ण की गीता गुँजायमान है
शक्ति के साथ संयम और समझदारी
मानवता के तरफ हम सब की जिम्मेदारी
शांति के रहे हम प्राचीनतम पुजारी
सलामत है इसीलिये ये हस्ती हमारी
-AMIT KUMAR PANDEY
Sunday, 17 February 2019
Open Letter - NPAs and Bad loans -समाज KA लालच
To,
Vijay Malaya ,Nirav modi, mehul choksi /
Big Corporates, KCC FARMERs
and small medium business entrepreneurs/
Education loan borrowers/
CHIT FUNDS/ FRAUDS
I have been working in bank and seen where people have capacity to pay and still don't pay. I have seen farmers paying big loans when taken against gold but same farmer doesn't do transaction in his all Rs 2000 KCC. Somewhere intent to pay is missing. Not paying back is becoming cooler which should not. Do not allow your greed. If you will become corrupt you can't expect a corruption free system. Society always blame the system but don't introspect into the own self.
पूरे समाज को लालच ने पकड़ा है
इसलिए, NPA ने बैंकों को जकड़ा है
नहीं ये फसल की बर्बादी है
नाही ये डूबती व्यवसाय की धाती है
यह तो एक कुनीति , कुसंस्कार और भ्रष्ट आचरण का प्रमाण
जो फैल रही कर्जमाफी की महामारी अब कुन्तु भयकारी है
महँगे कर्ज तुम साहूकार से लेते हो
पर, सस्ते तुम बैंकों को न देते हो
राजनीति की फेंकी लॉलीपॉप लपकते हो
पर, सच चुनने से तुम हिचकते हो
चाहे हो तुम बड़े घराने
या तुम हो छोटे किसान
चाहे हो उद्यमी भारी
या हो तुम छोटे व्यापारी
अपने आप से प्रश्न करो,
कर्ज लेकर भागने का न तुम जतन करो
पैसा ये जनता का है,
अपने आप से वचन करो
कर्ज माफी का ना तुम वरन करो
स्वछ चरित्र का चयन करो
ईमानदारी ईज्जत देती है
भिखमंगी से चैन न मिलती है
ईमान तुम अपना साफ करो
मुस्सलम हो कर नाज़ करो
हरिश्चन्द्र के तरह सुचिता से
जग में अपना नाम करो !
सत्य पर अड़े रहना हमने हरिश्चन्द्र से सीखा था
वचन निभाने के खातिर राम ने वनों को सींचा था
कर्ण -दधीचि की इस धरती पर तुम दान देने के आदि हो
कर्ज लेकर भागने वालों की न तुम प्रजाति हो!!
आसान नहीं ईमान है ये
पर, इंसान की यही पहचान है ये
कर्ज चुका कर तुम भी तो
भार-मुक्त, अपराध मुक्त हो जाते हो!!
बैंकों से लिया ये कर्ज , कर्ज नहीं , मंगलकामना है
आसान सर्तो पर आपको मिली ये शुभकामना है
तुम अगर सही से लौटाओगे
जग को आगे का रास्ता दिखलाओगे
कर्ज और सस्ते होंगे
अधिकारी भी मित्र जैसे मिलेंगे
उम्मीदों का पिटारा आप जब खोलेंगे
बैंक स्वयं आप के हित हेतु बोलेंगे !!!
Regards
©Amit kr pandey
Vijay Malaya ,Nirav modi, mehul choksi /
Big Corporates, KCC FARMERs
and small medium business entrepreneurs/
Education loan borrowers/
CHIT FUNDS/ FRAUDS
I have been working in bank and seen where people have capacity to pay and still don't pay. I have seen farmers paying big loans when taken against gold but same farmer doesn't do transaction in his all Rs 2000 KCC. Somewhere intent to pay is missing. Not paying back is becoming cooler which should not. Do not allow your greed. If you will become corrupt you can't expect a corruption free system. Society always blame the system but don't introspect into the own self.
पूरे समाज को लालच ने पकड़ा है
इसलिए, NPA ने बैंकों को जकड़ा है
नहीं ये फसल की बर्बादी है
नाही ये डूबती व्यवसाय की धाती है
यह तो एक कुनीति , कुसंस्कार और भ्रष्ट आचरण का प्रमाण
जो फैल रही कर्जमाफी की महामारी अब कुन्तु भयकारी है
महँगे कर्ज तुम साहूकार से लेते हो
पर, सस्ते तुम बैंकों को न देते हो
राजनीति की फेंकी लॉलीपॉप लपकते हो
पर, सच चुनने से तुम हिचकते हो
चाहे हो तुम बड़े घराने
या तुम हो छोटे किसान
चाहे हो उद्यमी भारी
या हो तुम छोटे व्यापारी
अपने आप से प्रश्न करो,
कर्ज लेकर भागने का न तुम जतन करो
पैसा ये जनता का है,
अपने आप से वचन करो
कर्ज माफी का ना तुम वरन करो
स्वछ चरित्र का चयन करो
ईमानदारी ईज्जत देती है
भिखमंगी से चैन न मिलती है
ईमान तुम अपना साफ करो
मुस्सलम हो कर नाज़ करो
हरिश्चन्द्र के तरह सुचिता से
जग में अपना नाम करो !
सत्य पर अड़े रहना हमने हरिश्चन्द्र से सीखा था
वचन निभाने के खातिर राम ने वनों को सींचा था
कर्ण -दधीचि की इस धरती पर तुम दान देने के आदि हो
कर्ज लेकर भागने वालों की न तुम प्रजाति हो!!
आसान नहीं ईमान है ये
पर, इंसान की यही पहचान है ये
कर्ज चुका कर तुम भी तो
भार-मुक्त, अपराध मुक्त हो जाते हो!!
बैंकों से लिया ये कर्ज , कर्ज नहीं , मंगलकामना है
आसान सर्तो पर आपको मिली ये शुभकामना है
तुम अगर सही से लौटाओगे
जग को आगे का रास्ता दिखलाओगे
कर्ज और सस्ते होंगे
अधिकारी भी मित्र जैसे मिलेंगे
उम्मीदों का पिटारा आप जब खोलेंगे
बैंक स्वयं आप के हित हेतु बोलेंगे !!!
Regards
©Amit kr pandey
OWN YOUR OWN GOD
Few religions on the earth exist only because they have natural citizenship. By birth you are a Hindu Baudhh, Jain, shikh, christian , muslim, jews et etc etc which should not be the case. Let a child,who is the father of man, come and let him grow up to decide what he chooses to be.
If we ever succeed in creating a truly democratic atmosphere where "CHOICE" is respected , we will be creating a different world , beautiful world where there will be love. Let you child choose. Let him choose his friends , his games, his study, his struggle, his life partner and the way of life he wants.
Beacuse by choices he makes he will grow . He will truly LIVE. The remote control on an individual from family, society and the State to be minimized to Nil. This is the best we can assure our child .
This is the gift we can wrap. The GIFT OF CHOICE where one can OWN ONE'S OWN GOD
Subjecting a child to follow the religion of his parents is weird and inhuman. He should be free but not be misled. Most of the conflict which has at its base " identify" arises from this. Religion on earth has become live teams and most of the members are fighting to win as if it is a game. Worse for some it has acquired a political nature (Few religions in the past were launched to grab Powers only). Religion should not be used to unite people or refer to people for any purpose even by state even for good reasons. And same applies to caste. This should be purely private and individual affair.
Religion is not a tool. It is a path on which human belief system and his logical ability combines to experience his own existence. Religion is absolutely about your existence. Each existence is unique and each individual different. Religion should be your own creation rather than following something without feeling for that. You can be a different Hindu in your own Hinduism. You can be a totally different Muslim in your way. You can be hybrid of many ideas. The idea is how YOU connect to the radiance which is making you appear in life LIVE.
If we ever succeed in creating a truly democratic atmosphere where "CHOICE" is respected , we will be creating a different world , beautiful world where there will be love. Let you child choose. Let him choose his friends , his games, his study, his struggle, his life partner and the way of life he wants.
Beacuse by choices he makes he will grow . He will truly LIVE. The remote control on an individual from family, society and the State to be minimized to Nil. This is the best we can assure our child .
This is the gift we can wrap. The GIFT OF CHOICE where one can OWN ONE'S OWN GOD
- Amit Kumar Pandey
Saturday, 16 February 2019
Koyal ki kuhak - Real tweet
बहुत दिनों के बाद सुबह आंखों की खिड़की खोली थी
बहुत दिनों के बाद मेरे कानो में कोयल की " कुहक़ी" थी
सुबह के नरमी के साथ प्यार वाली चुस्की थी
शरीर के हर अंगों से फुर्ती जैसे सिहरी थी
बहुत दिनों के बाद मेरे कानो में कोयल की " कुहक़ी" थी
सुबह के नरमी के साथ प्यार वाली चुस्की थी
शरीर के हर अंगों से फुर्ती जैसे सिहरी थी
कोयल की इस मधुर कुहुक ने ताजेपन से नहलाया था
गंगा के तट पर जैसे पवन ने पंखा झाला था !!
गंगा के तट पर जैसे पवन ने पंखा झाला था !!
कोयल की इस मधुर कुहुक ने, कानों में मिश्री घोली थी
बसन्ती दुल्हन ने जैसे घूँघट अपनी खोली थी
बसन्ती दुल्हन ने जैसे घूँघट अपनी खोली थी
कोयल की इस मधुर कुहुक ने दिल में मृदंग बजाय था
ग्रीष्म की तपती धूप में जैसे शीतल जल से नहलाया था
कोयल की इस मधुर कुहुक ने मन में प्रेम स्पंदन कर डाला था
पहली प्रेम की मुखड़े ने जैसे अपने नज़रों से घायल कर डाला था
कोयल की इस मधुर कुहुक को सिर्फ कानों से न तुम पान करो
बसंती हवाओँ को हर श्वाश से उनका मान करो
उतरने दो तंद्राओ में अपनी , जीवन को प्रस्फुटित होने दो
उमँग ,रंग से तुम खिल जाओ ,जीवन को बसन्ती होने दो!!
©amit k pandey
Friday, 15 February 2019
शहादत - स्वयं का दान
खुद को बलिदान कर
अपनों से जुदा हो कर
दूध-मुँहे से नाता तोड़ कर
पिता का साथ छोड़ कर
माँ की आँचल से छिटक कर
संगिनी को बेसहारा कर
जब हस्ती तुम अपनी मिटाते हो
वीर ! तुम ही शहीद कहलाते हो !!
अपने को ओझल कर
साथियों को बोझल कर
आँगन को सुना कर
गलियों को वीरान कर
गलियों को वीरान कर
संगियों को अलविदा कर
जब तुम देश पर अपने को लुटाते हो
वीर ! तुम ही शहीद कहलाते हो !!
बच्चों के बचपन छोड़
प्रेम के पल्लू को तोड़
प्यार की निशानी छोड़
अपनी अधूरी कहानी छोड़
जब तुम वतन के लिए अपनी दुनिया उजाड़ते हो
वीर ! तुम ही शहीद कहलाते हो !!
वीर ! इस शहादत की कीमत तुम्हे ही पता है
वरना इस भौतिकता की दुनिया में कौन किसका कहाँ है
दो पैसे के लिए जहाँ इंसान इंसान से मुख मोड़ता है
वहाँ स्वयं की आहुति कोई बिरला ही खोजता है
हमारी रक्षा की कीमत जो तुमने चुकाई है
अपनी घर की खुशी को भी हवन में जलाई है
यह बात विदित रहे देश के कर्णधारों को
तुम्हारे अपनों पर निछावर करें देश के टकसालों को !!
In the honour of OUR CRPF ... IN HONOUR OF OUR FORCES
-© Amit Kr Pandey
The blood of soldiers
बच्चों के बचपन छोड़
प्रेम के पल्लू को तोड़
प्यार की निशानी छोड़
अपनी अधूरी कहानी छोड़
जब तुम वतन के लिए अपनी दुनिया उजाड़ते हो
वीर ! तुम ही शहीद कहलाते हो !!
वीर ! इस शहादत की कीमत तुम्हे ही पता है
वरना इस भौतिकता की दुनिया में कौन किसका कहाँ है
दो पैसे के लिए जहाँ इंसान इंसान से मुख मोड़ता है
वहाँ स्वयं की आहुति कोई बिरला ही खोजता है
हमारी रक्षा की कीमत जो तुमने चुकाई है
अपनी घर की खुशी को भी हवन में जलाई है
यह बात विदित रहे देश के कर्णधारों को
तुम्हारे अपनों पर निछावर करें देश के टकसालों को !!
In the honour of OUR CRPF ... IN HONOUR OF OUR FORCES
-© Amit Kr Pandey
The blood of soldiers
The Blood Of those Soldiers
The Blood that split on the road
The blood that got us tears
The Blood that gave us pain
The Blood that knows no fear
That Blood is of soldiers
That Blood is of an Army
The Blood is of an Indian
That Blood is of Sons of the soil
That Blood will boil the rivers
The Blood will aggravate the Oceans
That Blood will swirl the air
That Blood will rise in a storm
That Blood calls for revenge
That Blood brings in anguish
That Blood pour in spirit
That Blood releases the Josh
That Blood will be Your death warrant
That Blood will bring you more coffins
That Blood will wipe you out
That Blood will be the DOT of your sins.
-
In the honour of OUR CRPF ... IN HONOUR OF OUR FORCES
-© Amit Kr Pandey
शहादत अमर है
TERRORISM
Thursday, 14 February 2019
स्वमित स्वरित
स्वमित स्वरित
Be
your own friend
जीवन
का जो मित है
स्वमित
है! स्वरित है !
स्वयं
का जो मित्र है
स्वमित है! स्वरित है !
रत्न
है जो स्वयं मेँ
स्वमित है! स्वरित है !
पुकार
है जो स्वयं की
स्वमित
है! स्वरित है !
जो
नाद है ब्रह्मांड का
स्वमित
है! स्वरित है !
अस्तित्व
है जो स्वयं में
स्वमित
है! स्वरित है !
दिव्य
है प्रकश जो
स्वमित
है! स्वरित है !
प्रेम
है दिलों में जो
स्वमित
है! स्वरित है !
विश्वास
है जो वादों में
स्वमित
है! स्वरित है !
भय
से जो मुक्त है
स्वमित
है! स्वरित है !
अस्तित्व
की जो चाह है
स्वमित
है! स्वरित है !
वेदों
में गूँज रही ज्ञान जो
स्वमित
है! स्वरित है !
उपनिषद
जो मान रहे
स्वमित
है! स्वरित है !
गीता
में प्रगट हो रहे श्रीकृष्ण
जो
स्वमित
है! स्वरित है !
नटराज के नृत्य से जो हो रहा
स्वमित
है! स्वरित है !
महाकाल
की समाधी है जो
स्वमित
है! स्वरित है !
सरस्वती
की जो ज्ञान है
स्वमित
है! स्वरित है !
सूर्य
की प्रकश जो
स्वमित
है! स्वरित है !
जो
बह रही इंसान में संवेदना
स्वमित
है! स्वरित है !
जिसे
आत्मज्ञान का बोध है
स्वमित
है! स्वरित है !
स्वयं में जो मस्त है
स्वमित है! स्वरित है !
उधर्व-गामी
हो रही जो चेतना
स्वमित
है! स्वरित है !
अवतरित
हो रही जो पूण्यआत्मा
स्वमित
है! स्वरित है !
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