सुना है आज कल twitter पर
एक नया नौटंकी आया है
मोदी मोदी रटते रटते
सारा इल्जाम लगाता है!
आरोप लगाना काम है इनका
बातें ऊँची ऊँची हैं
ईमान के रखवाले है ये
लोकतंत्र की कश्में खाते हैं ।
सब चोर बने इनकी नज़रों में
हाथ में सारे सबूत इकठ्ठे थे
लोगों की आकांक्षाओं के
ये परम संयासी राजा थे !!
पर,जहाँ खड़ा हो महत्वाकांक्षा
संन्यास कहाँ रह जाता है
आँखों में सत्ता के सपनें हो तो
ईमान कहाँ रह जाता है ??
लोकतन्त्र में इनकी महिमा थी
सो कूद पड़े ये यमुना में
जीत भी सुनिश्चित हुई
मुख्यमंत्री पद से युक्त हुए।
पर, लोगों की आकांक्षाओं को
ये और भुनाना चाहते थे
मुख्यमंत्री से संतुष्ट न हो
प्रधानमंत्री की कुर्सी चाहते थे
सत्ता की इसी लोभ ने
इनको पागल कर डाला था
लोकतंत्र की महासमर में
जब कशी में लंगोट उतरा था !!
सबक मिली फिर भी न सुधरे
कुछ ज्यादा ही खूंखार हुए
मोदी मोदी रटते रटते
Twitter पर बद्नाम हुए !!
© amit kumar pandey
bahut khub amit bhai
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