There is nothing more satisfying than doing your every bit possible to make your country and country men empowered.... Wherever you are do....
स्वमीत - Being own friend. Exposure to the self @ THE AMIT OF TIMES !! We are nothing but manifestations of our thoughts.
Thursday 28 April 2016
Sunday 3 April 2016
नयी bike और मेरी आपबीती
नयी bike और मेरी आपबीती
Accelerator दबाये सवारी पे अपनी
चले जा रहे थे खुमारी में अपनी
नयी गाडी का नशा ही कुछ और था
Speed और road का मज़ा ही कुछ और था
सबको अपनी नयी bullet दिखाए जा रहे थे
road पे अपनी बादशाहत जमाये जा रहे थे
शूमाकर को अपना चेला बताये जा रहे थे
दुनिया को ठोकर में उड़ाए जा रहे थे
लड़कियों को देख चमकाए जा रहे थे
चुलबुल पाण्डेय को भी style सिखाये जा रहे थे
Market में अपना value बढ़ाये जा रहे थे
गुरुर में हवा को भी slow बताये जा रहे थे
तभी सामने एक मोड़ था
और वहां खड़ा एक कुत्ता हरामखोर था
बचते बचाते Balance कुछ यूँ गड़बड़ाया
दो चार हड्डी चटका और चरमराया
खबर चारो ओर फैली
फजीहत हुयी और कुर्ता हुयी मैली
कुल मिला के एक पाठ पाया
सावधानी हटी, दुर्घटना घटी
#roadaccident #bikeaccident #drivecarefully #hasyayang #हस्यवंग
©अमित कुमार पाण्डेय
वो
वो ताकती रहीं दुर से मुझे
मैं भी एक टक था
मोहब्बत और आशिक़ी दोनों बदस्तुर था
उन्हें लगा होगा कोई आशिक़ है उनके हुस्न का
पर मैं तो अपने गर्दन के दर्द से मजबूर था !!
Wednesday 30 March 2016
God vs Human
ईश्वर ही पूर्ण मानव बन सकता है क्योंकि वो पाने के लिए नहीं बल्कि होने के लिए अवतरित होता है। बाकि मानव मानव नहीं बन पता क्योंकि वो भगवान् बनने को आतुर है!
Only God can play the best human because He knows all that a human being is . Rest all the men and women can't become human because all are busy trying to achieve God who is already available in them
Amit kr pandey
Monday 21 March 2016
Thanks friends
Let me wishper
A thanks in your ear
for the wishes
your heart feels for me...
Let me reflect
A thanks to your eyes
Which has a sprinkle
To see me dazzle
Let me convey
A thanks to your mind
Which holds me to you
To complete my identity
Let me induce
A thanks to your senses
For touching me with
Your electrifying wishes
Let me say
A thanks to your soul
Which knows me
As yet another presence of yours!
Thank you my lovely friends and Loves!😊🎂 for making my day on this birthday !!!
©Amitkumarpandey
#birthday
Wednesday 16 March 2016
भारत माता की जय !!
भारत माता जय हो तेरी
तू जननी संतान हम तेरी
जय का हो उद्घोष निरंतर
यश गान हो हर पल तेरी !
हिमालय है तेरा ऊँचा माथा
सागर चरण पखारे
मेघराज शीतलता देते
पवनदेव हैं पंखे झाले !
रंगो की रंगोली सी तू
पल पल प्यारी लागे
किसी कवि कि कल्पना जैसी
तेरी छवि मनोरम लागे !!
काया है तेरी कंचन जैसी
मिट्टी क्यों न सोना उगले
देख तेरा ये चामत्कार
बालक मन मेरा हर्षे !!
गंगा है तेरी प्यास बुझाती
महावृष्टि से तू है नहाती
पंछी तुझको गीत सुनाते
और , सभ्यता सुनाते कहानी !!
देव -भूमि कह पुकारी जाती
स्वर्ग देख तुझे ललचाये
ऋषि और महामुनियों की माता तू
स्वयं विधाता से आदर पाए !
पा तेरी मिट्टी की ख़ुश्बू
भगवन्ता भी न रुक पाये
तेरी ममता की छाँव पाने को
अवतरित हो भू पर आए!
योगेश्वर अविनाशी शिव् शंभु
ध्यान यहाँ लगाय
सती के पति कैलाश पति बन
धर्म का पाठ पढ़ाये!
क्या फर्क पड़ जाये तुझको
यदि कुछ मृत प्राय न बोलें जय हो तुझको
राम ,परशुराम ,कृष्ण ,महावीर, बुद्ध ,नानक है बेटे तेरे
नभ् में देवताओँ के हाथों यश पताका हैं फहरे तेरे।
©अमित कुमार पाण्डेय
#bharatmatakijay #deshdroh #sedition
Tuesday 8 March 2016
जयचंद के वंसज ! सावधान
तू एक बीती बात है
पर आज देख , पाता हूँ
तेरा वंश फिर तैयार है !!
अंश भर न अंतर मिला
स्व विनाश के खातिर
तैयार और अधिक तत्पर मिला !
सोच इतनी छोटी और घृणित
मिल जाये बस एक छुद्र जीत
चाहे हो बर्बाद भारत विशिष्ट !
या, मुख को ये मोड़े खड़े हैं
पर ,इतिहास सब जानता है
तेरा पाप पहचानता है !!
उस शेर चौहान को
अंतिम हिन्दू शासक
दिल्ली के तख्तो ताज को !
सिंधु के उस पर तक
गर्जन सुनाई देती थी
हिन्दू कुष के पार तक
भारत को अभय प्राप्त था
राम राज्य की खुशहाली न सही
पर, गुलाम न जीवन काल था।।
उस तराइन के युद्ध मैदान को
सन् 1191 की साल को
और उस शेर की दहाड़ को!
प्राण अपना बचा कर,
भारत की पवित्र भूमि में
अभिमान अपना दफना कर।
भारत की और देखने की
पर ,जयचंद वो तेरा सहारा पा गाया
लूटेरा फिर आक्रमणकारी बन कर आ गया!
सन् 1192 का साल था
तेरी इकट्ठे की फ़ौज पर
फिर भी वो भारी पड़ा था ।
शहादत को पा सके वो दम कहाँ था
झूठ और अफ़वाह का सहारा लिया
शेरे हिन्द का हनन किया !
भारत के गौरव और अभिमान की थी
हत्या संस्कृति और सम्मान की थी
भारत के आस्था और विश्वास की थी
आज़ाद हर इंसान का हुआ था
जीत तेरी छुद्र ही थी
क्योंकि परतंत्र पूरा हिंदुस्तान हुआ था! (गुलामी को न्योता दिया था! !!)
सावधान करता हूँ
भविष्य के गुलामी से
आगाह करता हूँ !!
#JNU #SEDITION #deshdroh
#battle of Tarain
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