वो ताकती रहीं दुर से मुझे
मैं भी एक टक था
मोहब्बत और आशिक़ी दोनों बदस्तुर था
उन्हें लगा होगा कोई आशिक़ है उनके हुस्न का
पर मैं तो अपने गर्दन के दर्द से मजबूर था !!
स्वमीत - Being own friend. Exposure to the self @ THE AMIT OF TIMES !! We are nothing but manifestations of our thoughts.
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