आज की दुनिया “जिसकी लाठी उसकी भैंस” के सिद्धांत पर चल रही है। चाहे अमेरिका हो या चीन, हर शक्ति केंद्र अपने-अपने स्वार्थों और जटिल समूहों के इर्द-गिर्द काम कर रहा है। वैश्विक राजनीति में अब पीठ पीछे वार (backbiting) और दोहरे मानदंड सामान्य हो चुके हैं।
ऐसे समय में भारत के लिए तीन चीज़ें अत्यंत आवश्यक हैं—
1️⃣ मजबूत भारत (Strong and self reliant India)– रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और आत्मनिर्भर उत्पादन में सामर्थ्य।
2️⃣ स्थिर भारत (Stable Bharat)– राजनैतिक और आर्थिक स्थिरता ताकि निवेश और विश्वास दोनों लंबे समय तक टिकें। India needs to continue its march with centuries of Patience practice. This one thing single out India as natural resting ground for Democracy
3️⃣ स्मार्ट भारत (Smart Bharat)– शिक्षा, नवाचार और डिजिटल सशक्तिकरण से ऐसा दृष्टिकोण जो आने वाली पीढ़ियों को सक्षम बनाए। India is continuously exploring innovations in all areas of life and governance.
अगर हम इन तीन स्तंभों पर आगे बढ़ते हैं, तो भारत सिर्फ़ “balancing power” नहीं रहेगा, बल्कि rule-shaper राष्ट्र बनेगा—जो विश्व व्यवस्था को दिशा देगा, न कि सिर्फ़ उसका अनुसरण करेगा।
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