दिल के एहसास
दिल के मखमली एहसास
कागज पे उतार दूँ
तू कहे ! तो ऐ नाजनी
छंदों में तुझे सवांर दूँ
चाँद की चांदनी से
तुझ को नहला दूँ
तू कहे ! तो ऐ मल्लिका-ए-हुस्न
चाँद तारों को तेरी कदमों में बिछा दूँ!!
ख़ाबों के अनंत फूल
राहों में सजा दूँ
तू कहे ! तो ऐ दिल-ए-बहार
गुलिस्ता को तेरा आशियाना बना दूँ!
नब्ज़ की हर धड़कन से
तुझे राग अलग सुना दूँ
तू कहे ! तो ऐ दिल-ए-सुकून
तुझे गीत नया सुना दूँ।।।
© By Amit kumar pandey
अमित कुमार पाण्डेय
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