By Amit kr pandey
जब से आयी नयी सरकार
कुछ नया सोच, कुछ नया विचार
जो रहता था मौन😷 ,वह भी चिल्लाया📢
असहिष्णुता (Intolerance )का मुद्दा छाया ।।
तपस्वियों का देश भारत
कब बदला ,बना अखाड़ा !
न्यूज़ रूम से सन्देश✉
Intolerance का आया
अख़लाक़ के मज़ार पर
माथा अपना टेक कर
संविधान की दी गयी दुहाई📚
Secularism की राग सुनाई
जो देश पड़ा था सुस्त
न जाने उसमे जान कहाँ से आया
नेता,प्रणेता, अभिनेता के मौन आवाज़ में😠
अंगार कहाँ से आया? ।।😈
सब लगे चिल्लाने एक साथ😉😈😖
जैसे हो लाया भूकंप सुनामी साथ !
लगा ! अब नहीं कुछ बचने वाला है
देश डूबने वाला है ।।
देश ! हाय ये देश बचाएं कैसे?
यक्ष -प्रश्न सुलझायें कैसे ?
हिंदु असहिष्णु हो गए ! इन्हें समझाएं कैसे?
Secularism कि टोपी इन्हे पहनाएं कैसे?🎅💂
सब लगे सोचने एक उपाए
जो हो कारगर ,जो दाता को भाए
किसी के ज़हन में खुराफात कुछ आई
सम्मान वापसी की नयी सूझ आई ! 👑
सम्मान-वापसी खूब hit हुआ
TRP रिकॉर्ड beat हुआ
घड़ियाली आसूं खूब टपकाए गए
सुर्खियां ख़ूब बनाये गए ।😢😢
मिली थी नयी प्रसिद्धि
TV-social media के युग में
जो बात न हो पाई थी सम्मान के दौर में
कही जादा घटित हुई सम्मान वापसी के दौड़ में ।।😃😄
दिन बीतते गए ,क्रंदन बढ़ता गया😢😢😢😢😢😲
सम्मान वापसी गिरोह का कारवां बढ़ता गया।😨😨
परिक्षा की घड़ी थी, नमक का क़र्ज़ चुकाना था
कैसे भी हो "उसे" हराना था|😔
हुआ वही जिसका सुविवेकियों को डर था
जैसे अभिमन्यू चक्रव्यूह में मरा
वैसे विकाश का चुनाव में हश्र हुआ
लोग हारे , तमाशा जीता |😌😫
नमक का कर्ज चूका कर
सस्ती प्रसिद्धि पाकर
मनोरथ अपना पूर्ण करके
"शांति से अब बैठे हैं वे ।☺😊😃😃😊☺
©Amitkumarpandey
अमित कुमार पाण्डेय
#intolerance