आरक्षण नही है रक्षा
दलितों की ,उपेक्षितों की!
यह है तुम्हे विभाजित कर
सत्ता में सुरक्षित रहने की
आरक्षण सिर्फ एक विचार था, एक कोई सन्त की
तुम तक बात पहुँचाने की
उठो ,खड़े हो, दौड लगओ
ये हिम्मत तुम में जगाने की!
वो सिर्फ एक बैसाखी थी
क्षणिक लाभ पहुँचाने की
तुम्हे आकर्षित कर
उत्कर्ष पर ले जाने की
आरक्षण ही बस राह नही
गरीबी से मुक्ति पाने की
यह तो बस एक तिलिस्म है
तुम्हारे ऊपर काबू पाने की!!
गरीबों की बाते करते करते
वो कब अमीर हो जाते है?
इंसाफ ,न्याय की बाते करते
वो खुद खुदा घोषित कर जाते है!
गरीबी सिर्फ धन की कमी से नही होती
प्रतिभा विहिनता भी निर्धनता ही होती है
विनाश सिर्फ आपदाओं से नही होता
कुछ कुकर्मो से भी होता है!!
बात किसी व्क़्क्ती ,परिवार ,प्रान्त की नही
किसी समुदाय की उन्नति की नही,
बात है एक देश को सुदृढ करने की
सफल, सुरक्षित, मजबुत और उन्नत करने की
मांगनी है तो सुविधाएँ मांगो
अपनी पराक्रम के लिये मैदान मांगो
जूझने के लिये मजबुत प्रतिद्वन्दी मांगो
हर अर्जुन के लिये खड़ा एक कर्ण मांगो
आरक्षण से अम्बेडकर नही पैदा होते
महलों में वाल्मिकी नही मिलते
एक्लव्य कोई बनता है स्वंय की उत्कण्ठा से
कर्ण बनता है कोई आत्मबल की क्षमता से।
राम , महावीर , बुद्ध ने महलों को छोड़ा था
जो आरक्षण जन्म से मिला
त्यज उसको ज्ञान की तरफ़ मुख मोडा था।।
तुम भी वही मांगो।
सुख ही सबके हित बरसेगी!
प्रतिभा भी न जन्म से पहले मरेगी
न झूठ की कोई राजनिती बचेगी
भारत का वन्दन दुनिया करेगी!!
-अमित कुमार पाण्डेय
#Marathaandolan #patel aarakshan #jaat etc etc etc
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