Let this New Year "2023" take you on the journey that will love to go for.
स्वमीत - Being own friend. Exposure to the self @ THE AMIT OF TIMES !! We are nothing but manifestations of our thoughts.
Saturday, 31 December 2022
Thursday, 15 December 2022
Wednesday, 5 October 2022
राम
*राम* शब्द में दो अर्थ व्यंजित हैं: 'सुखद' होना और 'ठहर' जाना . जैसे कि अपने मार्ग से भटका हुआ कोई पथिक किसी सुरम्य स्थान को देखकर 'ठहर' जाता है। हमने 'सुखद' ठहराव का अर्थ देने वाले जितने भी शब्द पढ़े हैं, सभी में *राम* अंतर्निहित है, यथा *आराम, विराम, विश्राम, अभिराम, उपराम, ग्राम*.
अर्थात जो *रमने* के लिए *विवश* कर दे, वह *राम*.
जीवन की आपा धापी में पड़ा *अशांत* मन जिस आनंद दायक *गंतव्य* की सतत तलाश में है, वह गंतव्य है *राम*.
भारतीय मन हर स्थिति में *राम* को *साक्षी* बनाने का आदी है।
दुःख में *हे राम*,
पीड़ा में *अरे राम*,
लज्जा में *हाय राम*,
अशुभ में *अरे राम राम*,
अभिवादन में *राम राम*,
शपथ में *राम दुहाई*,
अज्ञानता में *राम जाने*,
अनिश्चितता में *राम भरोसे*,
अचूकता के लिए *राम बाण*,
मृत्यु के लिए *राम नाम सत्य*,
सुशासन के लिए *राम राज्य*
जैसी अभिव्यक्तियां पग-पग पर *राम* को साथ खड़ा करती हैं। *राम* भी इतने सरल हैं कि हर जगह खड़े हो जाते हैं। हर भारतीय उन पर अपना अधिकार मानता है। जिस का कोई नहीं उस के लिए *राम* हैं- *निर्बल के बल राम*। असंख्य बार देखी, सुनी व पढ़ी जा चुकी *राम कथा* का आकर्षण कभी नहीं खोता। *राम* पुनर्नवा हैं। हमारे भीतर जो कुछ भी अच्छा है, वह *राम* है। जो *शाश्वत* है, वह *राम* हैं।
*सब-कुछ लुट जाने के बाद जो बचा रह जाता है, वही तो राम है। घोर निराशा के बीच जो उठ खड़ा होता है, वह भी राम ही है।*
🙏🌹*जय सिया राम*🌹🙏
Friday, 15 April 2022
My Valentine
My Valentine
I was just a man...
Candid , brave ..sometimes confused
But , Filled with confidence...
To conquer whatever i can....
Then you came into my life...
Claiming to be my wife.....
Assured to take care of all..
To cure me of my myseries that you always talked ....
You promised to have a solution...
And, fancied me into an evolution ....
You launched a revolution ....
But today bewildered , I am in confusion...
I was just a man...
Candid , brave ..sometimes confused
But , Filled with confidence...
To conquer whatever i can....
Then you came into my life...
Claiming to be my wife.....
Assured to take care of all..
To cure me of my myseries that you always talked ....
You promised to have a solution...
And, fancied me into an evolution ....
You launched a revolution ....
But today bewildered , I am in confusion...
Finally your soft heart pitied upon me
You came with wisdom so eye-opener for me
Enlightened me like Buddha
And said, listen o my budhha!(बूढ़ा)
You are of no use a man!
Your mama raised you like a spoilt infant
You are neither a hero nor a hunk
Just a Junk ,sitting on couch,and having brunch.
14.02.2022
-Amit Kr Pandey
You are of no use a man!
Your mama raised you like a spoilt infant
You are neither a hero nor a hunk
Just a Junk ,sitting on couch,and having brunch.
14.02.2022
-Amit Kr Pandey
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