Sunday 10 November 2024

परशुराम के वंशज हैं हम

परशुराम के वंशज हैं हम,
शौर्य का हमारे साथ है संगम।
धरा पर धर्म की लाठी लेकर,
अन्याय के विरुद्ध उठे निर्भय होकर।

परशुराम का आशीर्वाद पाकर,
बन गए हम भूमिहार सँभलकर।
धरती की रक्षा में सब कुछ दिया,
हर युद्ध में साहस का दीप जलाया।

खेत-खलिहानों में श्रम से जुड़े,
युद्ध भूमि में सदा से खड़े।
पौरुष, पराक्रम हमारे गुण,
परशुराम के रक्त का पुण्य।

सदा स्वाभिमान से हम रहते,
अपनी माटी के संग जुड़े रहते।
कभी ना भूले विरासत अपनी,
वीर भूमिहार कहलाए जग में हम सभी।

युग-युगांतर तक है ये संकल्प,
धर्म और धरती की होगी हमेशा रक्षा।
परशुराम के आदर्श हैं हमारे,
हम भूमिहार उनके सच्चे सहारे।

भूमिहारों का गौरव गान,
भारत भूमि के वीर महान।
ब्राह्मण कुल से निकले योद्धा,
धरती से जोड़े अपने कदम सदा।

धरती की रक्षा में उठाए हथियार,
कृषि कर्म में बसाया अपना संसार।
मुगल आक्रमण में की प्रतिकार,
स्वाभिमान से लड़ा उनका परिवार।

अनगिनत योद्धाओं की जो कहानी है,
भूमिहारों की अमिट निशानी है।
अंग्रेजों से जिसने लोहा लिया,
भारत माँ का शीश ऊँचा किया।

शिक्षा में भी जो अग्रणी चले,
समानता का संदेश लेकर चले।
आज भी हर क्षेत्र में वे चमके,
समाज के हित में सदा उनके कदम बढ़े।

भूमिहारों का यह इतिहास गहरा,
वीरता और सेवा से सजा सुनहरा।
भारत भूमि के सच्चे सपूत,
शौर्य में उनके कभी न कोई टूट।
-AKP

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